यदि आप विजेता बनना चाहते हैं, जीवन में सफल होना चाहते हैं, तो यह निश्चित ध्यान में रखें कि जीवन में सफल होने वाले व्यक्ति, सामान्य व्यक्तियों से कुछ हटकर होते हैं। वे सामान्य व्यक्तियों की तरह, जीवन को व्यर्थ नहीं करते। उनका जीवन सुनियोजित होता है। वे समय का मूल्य समझते हैं। उनमें कुछ ऐसे गुण हैं, जिनसे उनकी विजेता बनने की राह आसान होती है
आपका जीवन एक खाली किताब की तरह है जिसमे आपके जीवन की कहानी आप को स्वयं ही लिखनी है !
nishant royel
सफलता का तीसरा पड़ाव
3. लक्ष्य प्राप्ति हेतु स्वयं को तैयार करें

लक्ष्य प्राप्ति या सफलता प्राप्ति यानि जीत की राह , सरल एवं सुगम नहीं है । इसके लिए कठिन प्रयासों की आवश्यकता है , अदम्य इच्छाशक्ति का आवश्यकता है , अटूट आत्मविश्वास एवं कठोर मेहनत की आवश्यकता है । लक्ष्य निर्धारण करना सामान्य बात है , लेकिन उसकी प्राप्ति हेतु स्वयं को तैयार करना , एक कठिन परिश्रम है ।
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एक छात्र अपनी रुचि के अनुसार प्रशासनिक सेवा IAS में पास होने का लक्ष्य निर्धारित कर सकता है । एक मध्यम वर्गीय व्यक्ति स्वयं को करोड़पति बनाने का लक्ष्य निर्धारित कर सकता है , लेकिन उस लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु उसे तैयार होना पड़ेगा । स्वयं को कठिन परिश्रम करने हेतु संकल्पित करना पड़ेगा । अपनी सारी योग्यताओ एवं क्षमताओं को एक ही दिशा में फोकस करना होगा ।
स्वयं को अनुशासित और समय का सही नियोजन करना होगा । उन सभी आदतो , क्रिया – कलापों का त्याग करना होगा , जो किसी भी तरह , आपको लक्ष्य प्राप्ति से भटकाती हैं । उन आदतो को दैनिकचर्या में अपनाना होगा , जो लक्ष्य प्राप्ति हेतु आवश्यक है ।
अपना सारा ध्यान , अपनी सारी शक्तियों एवं अपनी सभी भावनाओं को लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में केन्द्रित करना होगा । जैसा शुरू में ही बताया गया है कि लक्ष्य प्राप्ति की राह सरल या सुगम नहीं है । यह राह त्याग , तपश्चर्या , संयम , अनुशासन , संकट एवं समस्याओं की है । सफलता की राह में कठिनाइयाँ आती ही हैं , इन कठिनाइयों से डरने की आवश्यकता नहीं है । आवश्यकता है इनका उचित निराकरण करते हुए आगे बढ़ने की । आत्मविश्वास को डिगने नहीं देना है । आपका आत्मविश्वास , दृढ़ इच्छाशक्ति और प्रयासों की एकजुटता आपके लक्ष्य प्राप्ति को सुगम बनाते हैं ।
याद रखें , अर्जुन की वह बात , जब उसने कहा कि मुझे कुछ नहीं , केवल चिड़िया की आँख दिख रही है ।
@nishantroyel
इतनी तैयारी के बाद किसी लक्ष्य का सन्धान करना या , लक्ष्य भेदना कठिन नहीं है । अतः लक्ष्य प्राप्ति हेतु स्वयं को पूरी तन्मयता , लगन एवं निष्ठा तैयार करें । , सफलता आपके कदम अवश्य चूमेगी , आप निश्चित रूप जीवन में विजयी होंगे ।